दरभंगा/न्यूज़डेस्क : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में आयोजित सीनेट की बैठक कई मायनों में यादगार रहेगा. पूर्व की बात करें तो सीनेट की बैठक को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और सीनेट सदस्यों को संशय बना रहता था. सीनेटरों को बोलने पर भी दबाव रहता था, पर प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह के कार्यकाल में बैठक शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त वातावरण में हुआ. सीनेटरों को बोलने की आजादी थी. यहां तक कि विश्वविद्यालय के कर्मी जो कि सीनेटर हैं वे भी खुलकर अपनी बात कुलपति के अभिभाषण पर रखा. हर वक्ता ने कुलपति के अभिभाषण का समर्थन किया और अपने-अपने सुझाव रखे. खासकर सीनेटर गगन कुमार झा, मनीष, संतोष और चंदन ने छात्रहित से लेकर धरोहरों की रक्षा के लिए अपने विचार रखे.
सबसे बड़ी बात रही कि सीनेटरों द्वारा रखे गये प्रस्ताव पर तत्क्षण कुलपति जबाव देते थे. पहली बार सीनेट की बैठक में पुलिस छावनी का दृश्य नहीं देखा गया. पिछले दो सीनेट तो बंदूक के साये में हुई थी. अपने अभिभाषण में कुलपति ने कहा कि मैने हृदय से विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया है और दिन-रात प्रयासरत हूं. इस कड़ी में विश्वविद्यालय का 8वां दीक्षांत समारोह फरवरी 2018 में कराने के लिए संकल्पित हूं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों में उनकी कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए मानदेय में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. कुलपति ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय के स्रातकोत्तर भौतिकी विभाग की छात्रा नंदनी व रश्मि के साथ-साथ श्वेता ने राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक शोध संस्थान में अपने कामयाबी का परचम लहराया है. खेल एवं सांस्कृतिक क्रियाकलाप में भी हम पीछे नहीं हैं. राष्ट्रीय स्तर पर पुरूष कबड्डी, महिला कबड्डी, खोखो में विश्वविद्यालय की टीम ने अपनी पहचान कायम की है. इतना ही अपने छोटे से कार्यकाल में 400 से अधिक मामलों का निष्पादन हो चुका है और शेष के निष्पादन का कार्य चल रहा है.